Last Updated on February 18, 2020 by Shiv Nath Hari
Top 10 Hindi Samachar :दमन (17 फरवरी, 2020) राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज दमन में आयोजित समारोह में दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास / उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि इन केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रपति के रूप में उनकी यह पहली यात्रा है और यहां जन कल्याण और विकास परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह में पहुंचकर उन्हें काफी खुशी हो रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये परियोजनाएं केंद्र शासित प्रदेशों के विकास को नई ऊर्जा और गति प्रदान करेंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन लोगों के कल्याण और प्रगति के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में यह अब सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती हैं कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत और समर्पित रहते हुए, राष्ट्रहित में पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ काम करें।
शाम को राष्ट्रपति मोती दमन जेट्टी से जम्पोर के बीच तक जम्पोर सी फ्रंट रोड और दमन में आयुष्मान भारत आरोग्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे।
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Top 10 Hindi Samachar : नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह का म्यांमार दौरा
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Hindi Samachar : नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह 17 से 20 फरवरी तक म्यांमार की यात्रा पर जा रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और म्यांमार के बीच द्विपक्षीय समुद्री संबंधों को मजबूत करना और आगे बढ़ाना है।
अपनी यात्रा के दौरान, सीएनएस एडमिरल सिंह म्यांमार नौसेना के सी-इन-सी एडमिरल टिन आंग सान के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और महामहिम वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लिंग, सी-इन-सी रक्षा सेवा, और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात भी करेंगे।
सीएनएस नैय पेई ताव शहर में नेशनल डिफेंस कॉलेज के प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत करेंगे, और यंगून में म्यांमार नौसेना के नौसेना डॉकयार्ड और प्रशिक्षण कमान का भी दौरा करेंगे।
म्यांमार नौसेना हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस) का एक सदस्य है और आईओएनएस विनिर्माण के तहत आयोजित गतिविधियों में भाग लेता है।
भारतीय नौसेना नियमित रूप से म्यांमार नौसेना के साथ कर्मचारियों के स्तर पर वार्ता, समुद्री सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह की बैठक और अन्य परिचालन जैसे बंदरगाह का दौरा, समन्वित गश्ती, द्विपक्षीय अभ्यास, प्रशिक्षण और हाइड्रोग्राफी आदि के माध्यम से बातचीत करती है।
इसके अलावा, दोनों नौसेनाएँ अन्य समुद्री गतिविधियों जैसे एडमिरल कप, गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव और अभ्यास ‘मिलन’ के जरिए भी जुड़ी रहती है।
Top 10 Hindi Samachar : नितिन गडकरी स्टॉकहोम में सड़क सुरक्षा पर आयोजित तीसरे उच्चस्तरीय वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे
Hindi Samachar : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी स्टॉकहोम में आज “सड़क सुरक्षा पर तीसरे उच्च स्तरीय वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सम्मेलन सड़क सुरक्षा के संबंध में तय वैश्विक लक्ष्यों -2030 को हासिल करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। दो दिवसीय इस सम्मेलन का मुख्य एजेंडा सड़क सुरक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रमुखता देना तथा सुरक्षित सड़कों के लिए विश्व समुदाय की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराना है।
सम्मेलन में सदस्य देशों के प्रतिनिधि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य 2030 को हासिल करने के लिए रोड-मैप तैयार करेंगे।
ब्राज़ील में 2015 में “ट्रैफ़िक सुरक्षा-परिणाम का समय” पर दूसरे उच्च स्तरीय वैश्विक सम्मेलन के बाद आयोजित इस सम्मेलन में विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अन्य एजेंसियां विभिन्न संस्थानों की क्षमताओं को मजबूत करने, जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित सड़कों के लिए इंजीनियरिंग डिजाइन में सुधार लाने के माध्यम सेसक्रिय सहयोग कर रही हैं।
सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण आकर्षण राष्ट्रों द्वारा विशेषज्ञताओं को साझा करना होगा। इसमें सड़क सुरक्षा के बारे में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उभरने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने पर भी जोर दिया जाएगा।
भारत सहित ज्यादातर विकासशील देशों, विशेष रूप से दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के देशों द्वारा उनके यहां मोटर वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस सम्मेलन में, कुछ विशिष्ट मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा की उम्मीद है।
इन देशों में मौत और घातक चोटों की घटनाओं का शिकार ज्यादातर ऐसे लोग हुए हैं जो मोटर-चालित या और गैर-मोटर चालित दोपहिया वाहनों का उपयोग करते रहे हैं।
श्री गडकरी ने 2015 में ट्रैफिक सुरक्षा पर दूसरे उच्च स्तरीय वैश्विक सम्मेलन में भारत की ओर से ब्रासीलिया घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे, जिसने सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए विश्व समुदाय को प्रतिबद्ध किया था।
स्वीडन के महाराजा कार्ल सोलह गुस्ताफ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लेंगे जहां अवसंरचना पर स्वीडन के मंत्री थामस एनरोथ द्वारा स्टॉकहोम घोषणा पेश की जाएगी।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव टेड्रोस एधनाम घेब्रेसिस, विश्व स्वास्थ्य संगठन की महानिदेशक एडिना-लोन वालेन यूरोपीय आयोग के परिवहन कमिश्नर, ओमानिया एल ओमरानी के संदेशों को पढ़ा जाएगा।
स्टाकहोम प्रवास के दौरान श्री गडकरी ने अपने स्वीडिश समकक्ष थामस टॉमस एनरोथ, विदेश व्यापार मंत्री अन्ना हॉलबर्ग, व्यापार, उद्योग और नवाचार मंत्री इब्राहिम बेलान तथा ब्रिटेन के सड़क सुरक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वे विश्व बैंक के उपाध्यक्ष (दक्षिण एशिया) हार्ट शेफर के साथ भी बातचीत करेंगे।
इसके अलावा श्री गडकरी की स्टाकहोम यात्रा पर स्वीडन-भारत परिवहन सुरक्षा और नवाचार भागीदारी बैठक भी आयोजित की जाएगी जिसमें कई सीईओ शामिल होंगे।
इस अवसर पर स्वीडन और भारतीय व्यवसायियों के बीच कई समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान होने की भी संभावना है।
अपने सतत विकास लक्ष्य के हिस्से के रूप में सड़क सुरक्षा को शामिल करने वाले संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि वे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के साथ ही दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए एकजुट हों।
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Top 10 Hindi Samachar : प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में ‘काशी एक रूप अनेक’ कार्यक्रम में भागीदारी की
- पारंपरिक हस्तशिल्प दस्तकारों, शिल्पियों, एमएसएमई को मजबूत करने से 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी

Hindi Samachar : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्णय लेना जारी रखेगी। प्रधानमंत्री ने वाराणसी में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक हस्तशिल्प दस्तकारों, शिल्पियों और एमएसएमई को सुविधा उपलब्ध कराने और मजबूत करने से इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी के बड़ा लालपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय व्यापार सुविधा केंद्र में आयोजित ‘काशी एक रूप अनेके’ कार्यक्रम में भाग लिया। समारोह के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों और काशी के बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने एक जिला एक उत्पाद के अन्तर्गत हथकरघा, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने, चंदौली ब्लैक राइस, कन्नौज के इत्र, मुरादाबाद के धातु शिल्प, आगरा के चमड़े के जूते, लखनऊ की चिकनकारी और आज़मगढ़ की ब्लैक पॉटरी का न केवल निरीक्षण किया अपितु शिल्पकारों के साथ वार्तालाप भी किया। उन्होंने विभिन्न शिल्पों से जुड़े शिल्पियों और दस्तकारों को किट और वित्तीय सहायता भी प्रदान की।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों के लिए अधिक अवसर पैदा करने और कई योजनाओं के तहत बुनकरों और हस्तशिल्पियों को मशीन, ऋण जैसे आवश्यक अवसर प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों जैसे एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के कारण, पिछले 2 वर्षों में उत्तर प्रदेश से निर्यात निरंतर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को उत्तर प्रदेश के उत्पादों से न सिर्फ लाभ होगा बल्कि यह ऑनलाइन बाजार के माध्यम से दुनिया अन्य हिस्सों तक भी पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रत्येक जिले की पहचान कुछ अनोखे उत्पादों जैसे रेशम, मसाले आदि की विभिन्न किस्मों से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया और एक जिला एक उत्पाद जैसे विचारों के पीछे ऐसी ही व्यापक प्रेरणा कार्य करती है और यह एक सकारात्मक विकास की ओर ले जाने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में 30 जिलों के 3500 से अधिक शिल्पी बुनकरों को यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (यूपीआईडी) के द्वारा समर्थित किया गया है। 1000 से अधिक शिल्पियों को टूलकिट भी प्रदान किए गए। उन्होंने बुनकरों, शिल्पियों, हस्तशिल्पियों आदि को समर्थन देने के लिए यूपीआईडी के प्रयासों की सराहना की।
21वीं सदी की मांग के अनुसार, भारत में बने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पारंपरिक उद्योगों को संस्थागत, वित्तीय सहायता के साथ नवीन तकनीक और विपणन जैसी सुविधाएं प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों से हम इस दिशा में निरंतर सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक ऐसे नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहे हैं जो देश के प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
उद्योगों और धन सृजनकर्ताओं की सुविधा के लिए किए गए कई उपायों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में विनिर्माण और व्यापार सुलभता पर काफी जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन को 1500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में रक्षा गलियारे के लिए 3700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस कॉरिडोर से छोटे उद्योगों को फायदा होगा और इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि जीईएम (सरकार ई-मार्केटप्लेस) ने छोटे उद्यमों के लिए सरकार को माल बेचना आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि एकीकृत क्रय प्रणाली के निर्माण से सरकार को एक ही मंच पर छोटे उद्योगों से वस्तुओं और सेवाओं का क्रय करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि देश में पहली बार राष्ट्रीय रसद नीति तैयार की जा रही है, जो एकल खिड़की ई लॉजिस्टिक्स का निर्माण करेगी, जिससे छोटे उद्योगों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा और रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के समापन पर सभी से भारत को एक विनिर्माण ऊर्जा क्षेत्र बनाने के लिए ठोस प्रयास करने का आग्रह किया।
Top 10 Hindi News : भारतीय वायुसेना की 47वीं स्क्वाड्रन ने हीरक जयंती मनाई
Hindi Samachar : आदमपुर वायुसेना स्टेशन में वर्तमान में तैनात भारतीय वायुसेना की 47वीं स्क्वाड्रन ने राष्ट्र की गौरवशाली सेवा के 60 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर आदमपुर वायुसेना स्टेशन में 14-15 फरवरी, 2020 को हीरक जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर सूर्यकिरण एरोबैटिक्स टीम, आईएएफ विंटेज फ्लाइट, एयर डेविल्स के हवाई करतबों और एयर वारिर्यस ड्रिल टीम के प्रदर्शन ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस समारोह में बड़ी संख्या में सेवारत अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों और भूतपूर्व योद्धाओं ने भाग लिया।
इस स्क्वाड्रन की स्थापना 18 दिसंबर, 1959 में हलवारा वायुसेना स्टेशन में की गई थी। इस स्क्वाड्रन ने तूफानी, मिग-21, एफएल और मिग-29 लड़ाकू विमानों का संचालन किया है। इस यूनिट का चिन्ह या क्रेस्ट घुटना टेके धनुष थामे ‘ब्लैक आर्चर’ की है, जो तत्परता को दर्शाती है। इस यूनिट का आदर्श वाक्य ‘कर्मणी व्यापुरुथम धनुहु’ है, जिसका अनुवाद है -‘मेरा धनुष सदैव अपने कार्य के लिए तना हुआ है’
Hindi Samachar :

इस स्क्वाड्रन ने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में भाग लिया और अनेक पुरस्कार जीते। ये स्क्वाड्रन अपने परिचालन की धार को बरकरार रखे हुए है और यह ऑपरेशन सफेद सागर, ऑपरेशन पराक्रम और उत्तरी क्षेत्र में बालाकोट हमले के बाद की कार्रवाइयों में सक्रिय भाग ले चुकी है। ब्लैक आर्चर्स 2009 में प्रेसिडेंट स्टैन्डर्डस हासिल करने का गौरव पा चुके हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए, राष्ट्र की सेवा में महान ऊंचाइयों को छूने के लिए सदैव तैयार हैं।

Top 10 Hindi Samachar : लोकतंत्र में बहुमत का सम्मान आवश्यक, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना स्वीकार्य नहीं : उपराष्ट्रपति
- विकास और समृद्धि के लिए शांति आवश्यक, आतंकवाद शांति और मानवता का दुश्मन, रोटरी आतंकवाद के विरुद्ध विश्वमत बनाए : उपराष्ट्रपति
- लोकतंत्र में विचारों की विभिन्नता स्वीकार्य है, विघटन नहीं,
- लोकतंत्र में बहुमत का सम्मान आवश्यक, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना स्वीकार्य नहीं : उपराष्ट्रपति
- ग्रामीण भारत की समस्याओं कर समाधान के लिए आगे आएं रोटरी जैसे स्वयं सेवी संगठन: उपराष्ट्रपति
- गांधी के जीवन से प्रेरणा ले कर समाज में रचनात्मक आंदोलनों में सहयोग दें स्वंयसेवी संगठन : उपराष्ट्रपति
- ग्रामीण युवाओं को कृषि संबंधी व्यवसायों में प्रशिक्षित करें जिससे उनकी नियमित आमदनी सुनिश्चित हो सके
- नागरिकों विशेषकर युवाओं में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, समाज के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण ही रचनात्मकता को प्रेरित कर सकता है
- उपराष्ट्रपति ने रोटरी के सौ वर्ष पूरे होने पर रोटरी द्वारा किए गए रचनात्मक अभियानों की प्रशंसा की, कहा share and care के संस्कार भारतीय जीवन दर्शन में निहित
Hindi Samachar : उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने रोटरी इंटरनेशनल के सौवें वर्ष के समारोह भाग लेते हुए कहा कि विकास और समृद्धि के लिए शांति जरूरी है। आतंकवाद विश्व शांति और मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। उन्होंने रोटरी जैसी संस्थाओं से अपेक्षा की कि वे आतंकवाद के विरुद्ध विश्वमत बनाएं।
उन्होंने लोगों से अपनी भाषा, जन्मभूमि तथा पारिवारिक संस्कारों से जुड़े रह कर वसुधैव कुटुंबकम् के विश्व दर्शन को आत्मसात करने का आह्वाहन किया।
उन्होंने भारत सरकार के साथ मिल कर, पोलियो उन्मूलन अभियान में रोटरी की भूमिका की सराहना की ।
उन्होंने कहा कि भारत के पोलियो उन्मूलन के अभियान ने साबित कर दिया है कि सरकार और प्रतिबद्ध गैर सरकारी संगठनों की सहभागिता से जनकल्याण के अभियान को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने रोटरी द्वारा जल संरक्षण, साक्षरता, प्रौढ़ शिक्षा,गरीब महिलाओं के प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रमों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि शेयर एंड केयर का संस्कार भारतीय जीवन दर्शन में निहित है।
उन्होंने आग्रह किया कि रोटरी इंटरनेशनल जैसे स्वयं सेवी संगठन ग्रामीण भारत की समस्याओं के समाधान हेतु आगे आएं।उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मूलतः ग्रामीण है, हमारे संस्कारों की जड़ें ग्रामीण संस्कृति में जमीं हैं।उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं से महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेने को कहा। राष्ट्रपिता का विश्वास था कि भारत की आत्मा गावों में बसती है। महात्मा गांधी का जीवन ही नि:स्वार्थ, रचनात्मक जन सेवा की प्रेरणा देता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि लाभकारी व्यवसाय नहीं रह गया है, उन्होंने आशा व्यक्त की कि रोटरी ग्रामीण युवाओं को कृषि आधारित उद्यमों और व्यवसायों तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विविधीकरण के लिए प्रशिक्षित करेगा जिससे किसानों को नियमित आमदनी मिलती रहे और उसे मौसम की दया पर निर्भर न रहना पड़े।
समाज के विकास के लिए शांति की अनिवार्यता पर बल देते हुए श्री नायडू ने कहा कि विश्व भर में शांति और सौहार्द्र का प्रसार करना रोटरी जैसे स्वंयसेवी संगठनों का उद्देश्य रहा है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शांति आवश्यक शर्त है। यह ज़रूरी है कि नागरिक विशेषकर हमारे युवा जीवन के प्रति सकारात्मक रचनात्मक दृष्टिकोण रखें।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि समाज स्वंयसेवी संगठनों से अपेक्षा रखता है कि वे स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, योग, फिट इंडिया, पोषण अभियान जैसे रचनात्मक समाजिक आंदोलनों में अनुकरणीय अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
ये संगठन सामाजिक और लैंगिक भेदभाव जैसे कुरीतियों के विरुद्ध जन जागृति करें। समाज में रचनात्मकता और सकारात्मकता का माहौल बनाएं और जन सामान्य को समाज के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने के लिए प्रेरित करें। यह सकारात्मकता ही हमारी अंतर्निहित रचनात्मकता को प्रेरित करेगी।
उन्होंने कहा कि आज की उपमोक्ता वादी सामाजिक संस्कृति में जरूरी है कि करुणा, दया और बंधुत्व के संस्कार बचपन से दिए जाएं। आज के प्रतिस्पर्धात्मक सामाजिक परिवेश में समाज सेवा और आध्यात्मिकता जैसे संस्कारों को शुरुआत से ही परिवारों में दिया जाना चाहिए। यद्यपि देश में एनएसएस जैसे रचनात्मक छात्र संस्थाएं है फिर भी युवा छात्रों और समाज के बीच और गहरा संवाद होना चाहिए, युवाओं को सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए।
उन्होंने अपेक्षा की कि नई शिक्षा नीति युवाओं में समाज सेवा के संस्कार पैदा करेगी।
सामाजिक शांति के लिए लोकतंत्र की आवश्यकता की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यव्स्था में बहुमत के प्रति सहिष्णुता और स्वीकार्यता होनी चाहिए। लोकतंत्र में विचारों की विभिन्नता स्वीकार्य है किन्तु विघटन नहीं। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे लोकतांत्रिक व्यव्स्था में अस्वीकार्य बताया।
अपने संबोधन से पहल उपराष्ट्रपति ने रोटरी इंडिया के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के अवसर पर, संस्था द्वारा किए जा रहे विभिन्न समाज कल्याण के कार्यक्रमों को दर्शाती प्रदर्शनी को देखा और भाग लेने वाले प्रतिनिधियों से बातचीत की।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनकड़ तथा रोटरी के वरिष्ठ पदाधिकारी, सदस्य और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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