Last Updated on March 6, 2020 by Shiv Nath Hari
Deeg news: आओं मोरी सखियां मुझे मेंहदी लगा दो मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो|

Deeg news: डीग 6मार्च – डीग कस्बे के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन भागवताचार्य पंडित मुरारीलाल पाराशर ने रुकमणी विवाह की कथा का भक्तों का कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी को संकट से उबारने के लिए उन्हें अपनी जीवन संगिनी बनाया,रुक्मणी का विवाह रुक्मणी के पिता भीष्मक एवं भाई रुकमी शिशुपाल के साथ विवाह कराना चाहते थे। ओर उन्होंने रुक्मणी का विवाह शिशुपाल के साथ तय कर दिया था। पर रुक्मणी शिशुपाल से विवाह नहीं करना चाहती थी ,इस लिए रुकमणी ने ब्राह्मण के हाथों द्वारकाधीश भगवान श्री कृष्ण को पत्र भेज उसे इस संकट से उबारने का निवेदन किया।

श्री कृष्ण भाई बलराम के साथ में संकट से उबारने के लिए रुक्मणी को भगा ले जाते हैं, और उससे विवाह करते हैं। पाराशर ने कहा कि सुख-दुख कर्मों के अनुसार मिलता है अगर परमात्मा को पाना है तो कुछ समय भक्तो को भगवान के लिए देना चाहिए ,भगवान का कीर्तन करना चाहिए ।भगवान श्रीकृष्ण कर्मयोगी है, योगीराज है। उन्हें 16 कलाओं का ज्ञान था। भगवान श्रीकृष्ण अलौकिक है। जहां अपने सखाओं के साथ वे गोपियों से माखन चुरा चुरा कर खाया करते थे। उन्होंने गोकुल, वृंदावन ही नहीं समूचे ब्रज मंडल में रास लीलाएं की। कथा के दौरान कृष्ण रुक्मणी की सजीव झांकी बनाई गई ।जहां “आओ मेरी सखियां मुझे मेहंदी लगा दो मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो “,”चौक पुराओ मंगल गाओ आज मोरे पिया घर आएंगे” जैसे भजनों पर महिला पुरुष कथा में थिरकते नजर आये। वहीं लोगों ने दिल खोलकर कृष्ण एवं रुक्मणी का पीले हाथ करते हुए कन्यादान किया।
डीग से पदम जैन की रिपोर्ट