Last Updated on March 5, 2020 by Shiv Nath Hari
Combined efforts needed to give positive environment to children: Sangeeta Beniwal
Table of Contents
- बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष का भरतपुर दौरा
- बच्चों को सकारात्मक परिवेश देने के लिए सम्मिलित प्रयासों की जरूरत: संगीता बेनीवाल

भरतपुर, 05 मार्च। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा है कि सरकार, समाज और स्वंयसेवी संस्थाओं को मिलकर ऐसा परिवेश तैयार करना होगा जिसमें बच्चों को अच्छी शिक्षा, अच्छी सेहत के साथ-साथ आग बढने के भरपूर अवसर मिलें। उनके साथ कुछ भी गलत नहीं हो और यदि हो तो वे इसे मन में नहीं दबायें और खुलकर अपने मन की बात कह सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ‘चुप्पी तोडो हमसे बोलो‘ अभियान के रूप में एक अनूठी पहल की है।
बेनीवाल गुरूवार को यूआईटी आॅडिटोरियम में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग व जिला बाल संरक्षण इकाई भरतपुर की ओर से शिक्षा का अधिकार एवं बाल संरक्षण विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बाल कल्याण के लिए कई सराहनीय पहल की हैं। सरकारी स्कूलों में शनिवार को ‘नो बैग डे‘ घोषित किया गया है। इस दिन स्कूलों में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ पेरेन्ट्स-टीचर मीटिंग और बाल सभाओं का आयोजन किया जायेगा ताकि बच्चों का शैक्षिक ही नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान सम्भवतः देश का पहला ऐसा राज्य है जहां बाल कल्याण के लिए 100 करोड रूपये की राशि का नेहरू बाल संरक्षण कोष का गठन किया गया है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने कार्यशाला में उपस्थित सभी बच्चों के साथ बाल विवाह, बाल श्रम के विषय पर संवाद किया और उन्हें संकल्प दिलाया कि यदि कहीं भी बाल विवाह और बाल श्रम का अपराध होते हुए देखेंगे तो चुप नहीं रहेंगे और तत्काल चाईल्ड हेल्प लाइन पर सूचित करेंगे। कार्यक्रम में बालक-बालिकाआंें को उनके अधिकारों के लिए गुड टच बैड टच बाल लघु फिल्म दिखाई गई।
जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षा पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है, बंद हो चुके स्कूलों को पुनः खोलने की घोषणा कर सरकार ने बजट में बच्चों और उनके अभिभावकों को बडा तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन बाल कल्याण एवं बाल संरक्षण की दिशा में जिले में सकारात्मक माहौल तैयार करने के लिए लगातार प्रयत्नशील है इसके लिए भ्रूण हत्या रोकने एवं टीकाकरण से लेकर स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करने, बालिकाओं के लिए अलग टाॅयलेट निर्माण करने सहित हर स्तर पर काम किये जा रहे हैं।
कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि बाल कल्याण समिति भरतपुर के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारित विभाग के उपनिदेशक पूरण सिंह, एडीपीसी समसा अशोक सिंह धाकरे ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह एवं बाल श्रम रोकने के लिए हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ किया गया।
जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर नथमल डिडेल की उपस्थिति में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, नवीन किशोर न्याय अधिनियम के जिले में प्रभावी क्रियान्वयन तथा जिले के आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों के पोषण की स्थिति एवं बाल श्रम उन्मूलन के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की गयी।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुष्कर राज शर्मा, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ. मूल सिंह राणा, जिला स्तरीय बाल कल्याण समिति भरतपुर के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर एवं सदस्य अनुराधा शर्मा, राजाराम भूतौली, मदनमोहन शर्मा, नरेन्द्र पाल सिंह डागुर सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहंे।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गुरूवार को भरतपुर में संचालित निराश्रित बाल सम्पे्रषण गृहों, बालिका गृहों एवं राजकीय विद्यालयों का निरीक्षण किया।
बेनीवाल पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय पक्का बाग पहुंची और बच्चों से उनकी पढाई के बारे में बातचीत की। उन्होंने स्कूल की शिक्षिकाओं को शिक्षण कार्य में कोई कोताही नहीं बरतने की हिदायत दी। इसके पश्चात् उन्होंने लकी मानसिक विमंदित गृह का निरीक्षण कर विमंदित बालक-बालिकाओं से आत्मीयतापूर्वक संवाद किया। बेनीवाल ने बच्चों के आवास गृह का भी निरीक्षण किया।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने बेघर एवं बेसहारा बच्चों के लिए संचालित राजकीय आवासीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करने के दौरान वहां उचित साफ-सफाई नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने रसोईघर में जाकर बच्चों के लिए तैयार किये गये भोजन की गुणवत्ता की भी जानकारी ली। उन्होंने बच्चों को चाय के स्थान पर दूध वितरण करने के निर्देश दिये।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने राजकीय बालिका गृह में बालिकाओं से मुलाकात के दौरान उन्हें पढने-लिखने के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराये जाने तथा शिक्षक की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने बालिका गृह अधीक्षक को निर्देश दिये कि वे बालिका गृह की व्यवस्था में तत्काल सुधार लायें। राजकीय किशोर एवं सम्पे्रषण गृह के निरीक्षण के दौरान बेनीवाल ने किशोरों से कहा कि वे जीवन में पहले की गयी गलतियों से सीख लेते हुए आगे चलकर एक जिम्मेदार नागरिक बनें और अपना भविष्य सवांरें। उन्होंने किशोर एवं सम्पे्रषण गृह के अधीक्षक को भोजन मेन्यू के अनुसार ही गुणवत्तापूर्ण आहार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किशोरों एवं बच्चों की नियमित रूप से काउंसलिंग की जाये ताकि वे फिर से गलत राह पर नहीं जायें।