Last Updated on October 5, 2020 by Swati Brijwasi
- विश्व शिक्षक दिवस
- कोरोना ने हमें जीवन के कुछ मूल मंत्र दिये
- बहुत कुछ सीखा हमने कोरोना से
- कोरोना आया शिक्षक बनकर
- समझदारी, समझौता, साहस, धैर्य और आपसी प्रेम एक अदृश्य वायरस हमें सीखा गया
- भारत में हर दिन शिक्षक दिवस- पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज
World Teacher’s Day: समझदारी, समझौता, साहस, धैर्य और आपसी प्रेम एक अदृश्य कोरोनावायरस हमें सीखा गया

5 अक्टूबर, ऋषिकेश। विश्व भर में प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस (World Teacher’s Day) शिक्षकों, शोधकर्ताओं और प्रोफेसरों द्वारा प्राप्त की उपलब्धियों, कार्यों और योगदान के लिये सम्मानित करने हेतु मनाया जाता है।
विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने भारत सहित विश्व के सभी शिक्षकों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि एक सुन्दर, संस्कारयुक्त, संगठित और जागरूक समाज के निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
शिक्षक भावी पीढ़ी की रीढ़ हैं। शिक्षक, किसी भी राष्ट्र के विकास में नींव के पत्थर की तरह योगदान देते है। देश की समृद्धि और मजबूत लोकतंत्र की नींव रखने के लिये शिक्षक पिलर का भूमिका निभाते हैं।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि कोविड-19 के दौरान शिक्षा, शिक्षकों और विद्याथियों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस दौरान अनेक शिक्षक बेरोजगार हुये और विद्यार्थियों की दिनचर्या और शिक्षण पद्धति में भी बदलाव आया है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि कोरोना ने वैश्विक स्तर पर बड़ी तबाही मचायी है परन्तु वहीं दूसरी ओर कोरोना ने हमें जीवन के कुछ मूल मंत्र भी दिये हैं यथा हमारी समझ को बढ़ाया, समझौता करना सिखाया, धैर्य के साथ जीना सिखाया, कम में जीना सिखाया, अपने और अपनों के साथ जीना सिखाया, भीतर की यात्रा करना सिखाया, बेहतर बनना सिखाया, आपसी सम्बंधों को मजबूत बनना सिखाया और सबसे बड़ी बात जीवन की कीमत करना सिखाया।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि कोरोना के कारण वर्तमान समय में शिक्षक और विद्यार्थी के बीच, माता-पिता और शिक्षक के बीच, शिक्षक और मैनेजमेंट के बीच जो अंडरस्टैंडिग देखने को मिल रही है वह कमाल की है। शिक्षक, परिवार और मैनेजमेंट मिलकर बच्चों को जो संरक्षण प्रदान कर रहे हैं और विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिये जो भी प्रयास किये जा रहे हैं वह अद्भुत हैं।
मुझे तो लगता है इस समय आपसी सम्बंघ सुद्धढ़ और मजबूत हुये हैं। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि कोरोना वायरस आया है और चला भी जायेगा, समय के साथ समाप्त भी हो जायेगा परन्तु इस महामारी के समय हमने जो सीखा है उसे हमेेशा याद रखे और हमेशा मजबूत और धैर्यवान बने रहें।
विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर, 1966 को, शिक्षकों की स्थिति को चिह्नित करने के लिए, यूनेस्को 1994 से विश्व शिक्षक दिवस मना रहा है। इसके अन्तर्गत शिक्षकों के अधिकारों और जिम्मेदारियों, आगे की शिक्षा, भर्ती, रोजगार और शिक्षण-सीखने की स्थिति सहित अनेक मानकों पर चर्चा करने एवं मानक निर्धारित करने हेतु मनाया जाता है।
साथ ही शिक्षा पर सतत विकास लक्ष्य 4, और समर्पित लक्ष्य एसडीजी-4 को शिक्षा 2030 एजेंडे के साथ वैश्विक शिक्षा लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शिक्षकों के सामने आने वाली चुनौतियों और शिक्षकों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आज अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।