Last Updated on September 22, 2020 by Swati Brijwasi

- ’लीव नो वन बीहाइंड’’
- कोई पीछे न छुट जाये
- अन्तिम छोर पर रह रहे व्यक्ति तक मौलिक सुविधाओं को पहुंचाना होगा तभी भारत की आत्मा तक पहुंचा जा सकता है-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज
- विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु सरकार के साथ जन भागीदारी आवश्यक -गजेन्द्र सिंह शेखावत
ऋषिकेश, 22 सितंबर, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस (जीवा) के सह-संस्थापक, अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने आज ‘कोई पीछे न छूटे’ (लीव नो वन बिहाइंड) वेबिनार के सभी सहयोगियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये कहा कि समाज के सभी वर्गो को मुख्य धारा में लाना ही इस वेबिनाॅर का उद्देश्य है।
छठे सतत विकास लक्ष्य, एसडीजी -6, भारत के स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा के दौरान 14 कमज़ोर और जोखिम वाले समूहों से ‘लीव नो वन बिहाइंड’ विशेष वेबिनार में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।
आज के इस महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री माननीय श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी ने किया। साथ ही जल, स्वच्छता और स्वच्छता विषयों के सम्मानित लीडर्स की पैनल ने इस वेबिनार में सहभाग किया। सुश्री रेनाटा लोक-डेसालियन, यूएन रेज़िडेन्ट कोर्डिनेटर इन इन्डिया, सुश्री सू कोट्स, जल आपूर्ति और स्वच्छता सहयोग परिषद (डब्ल्यूएसएससीसी) की उप कार्यकारी निदेशक, श्री यू पी सिंह जी सचिव, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, नीति आयोग भारत सरकार के लिये एसडीजी की वरिष्ठ सलाहकार, सुश्री संयुक्ता सामद्त्तर (आई ए एस), श्री विनोद मिश्रा जी, भारत समर्थन इकाई के प्रमुख (डब्ल्यूएसएससीसी), श्री एनरिको मुरोत एप्रोसियो, ‘लीव नो वन बिहाइंड‘ के तकनीकी विशेषज्ञ, ईक्यूएनडी और जेंडर, डब्ल्यूएसएससीसी, तथा श्री रामिसेट्टी मुरलीजी, फ्रेश वाॅटर एक्शन नेटवर्क दक्षिण एशिया आदि अन्य विख्यात हस्तियों ने सहभाग कर अपने विचार व्यक्त किये।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री, भारत सरकार श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी की जल और माँ गंगा के प्रति संवेदनशीलता, सजगता, सक्रियता और सृजनशीलता देखकर मुझे पूरा विश्वास है आने वाले दिनों में भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को यह संदेश जायेगा कि गंगा जी का स्वरूप कितना अद्भुत है। उन्होने बताया कि हमने माननीय मंत्री जी के साथ लैंडफिल्स-लैंड फ्री बन सके, ग्राउंड वाॅटर के स्थान पर ग्रे वाॅटर पर भी विगत वर्ष विशेष चर्चा की थी।
संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा उल्लिखित इन संवर्धित और समर्पित लीडर्स का जमीनी कार्य 2030 तक सभी के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करना।
लीव नो वन बीहाइंड वैश्विक वेबिनाॅर में युवा, महिलायें, बच्चे, दलित, आदिवासी, ट्रांसजेंडर और लेस्बियन, प्रवासियों, शहरी गरीब, दिव्यांग लोग, बुजुर्ग, किशोर, किसान और भ्प्ट से पीड़ित लोग, झोंपड़ीवासी, बेघर, मैला ढोने वाले, यौनकर्मी आदि को भारत के विभिन्न राज्यों से कई लोगो ने सहभाग किया। इसके माध्यम से वाॅटर, सैनिटेशन और हाइजीन, मासिक धर्म स्वच्छता, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (जैविक, प्लास्टिक, ग्रे वॉटर और मल, कीचड़ प्रबंधन) पर चर्चा की गयी। इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और विभिन्न क्षेत्रों के लोगो के सामाजिक जुड़ावों को बढ़ावा देने हेतु योगदान प्रदान करना तथा भारत सरकार के प्रयासों और स्वच्छ भारत मिशन को सहयोग और समर्थन प्रदान करना है एवं ’’लीव नो वन बिहाइंड’’ तथा भारत सरकार के ओडीएफ प्लस के मौजूदा लाॅच को पूर्ण सहयोग प्रदान करना है। साथ ही भारत सरकार की संयुक्त राष्ट्र टीम को वर्ष 2020 की स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा हेतु भारत सरकार को समर्थन और सहयोग प्रदान करना है। संयोगवश वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र संघ और एचआरसी द्वारा जल और स्वच्छता के मानवाधिकारों की मान्यता की 10 वीं वर्षगांठ और एजेंडा 2030 की 5 वीं वर्षगांठ भी मनायी जायेगी।
उद्बोधन-
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने लीव नो वन बिहाइंड वेेबिनाॅर के माध्यम से दिये अपने उद्बोधन में कहा कि जल चेतना-जन चेतना बने, जल जागरण-जन जागरण बने और जल क्रान्ति जन क्रान्ति बने। धार्मिक संगठनों, सरकार और वैश्विक स्तर की हमारी सहयोगी संस्थाओं के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया यह प्रयास मानव और प्रकृति के कल्याण के नये मार्ग खोलेगा तथा पर्यावरण को समावेशी और सतत बनाने में मदद करेगा। उन्होने कहा कि भारत की जनता ने अनेक अवसरों पर एकजुटता का परिचय दिया अब सभी को पर्यावरण एवं जल संरक्षण के लिये एकजुट होना है। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि जल है तो कल है, जल है तो जीवन है और जल है तो विश्व की सारी संस्कृतियां जिंदा है।
जल, जीवन और संस्कृतियों का बचाव एवं सुरक्षा स्वतः ही संभव नहीं हो सकती यह तो केवल सामूहिक सर्वसम्मति और सार्वजनिक निवेश का परिणाम है। हमें अपने समाज के सबसे उपेक्षित, कमजोर और अन्तिम छोर पर खडे़ नागरिकों को भय से मुक्त और सुरक्षित जीवन देने हेतु वैश्विक प्रयास करना होगा। साथ ही यह चितंन करना होगा कि क्या हम अपनी भावी पीढ़ियों और हमारे इन छोटे-छोटे बच्चों को स्वच्छ जल, शुद्ध वायु और प्रदूषण रहित पर्याप्त खाद्य सामग्री दे पा रहे हैं। उन्होेने कहा कि सभी को मिलकर अन्तिम छोर पर रह रहे व्यक्ति तक मौलिक सुविधाओं को पहुंचाना होगा तभी भारत की आत्मा तक पहुंचा जा सकता है।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी ने पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और जीवा का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि वास्तव में वर्तमान समय में जल के संरक्षण पर इस प्रकार की प्रभावकारी वार्ताओं का आयोजन करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि भारत भारी जनसंख्या घनत्व वाला राष्ट्र है परन्तु भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में सरकार ने स्वच्छ जल, स्वच्छता, शौचालय के साथ भारत के अधिकाश घरों में बिजली, बैंकिग की सुविधायें और कई परिवारों को घर की सुविधायें प्रदान की और निरंतर हम इन लक्ष्यों को प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिये सरकार के साथ जन भागीदारी बहुत जरूरी है तभी हम विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि अक्सर हम बात करते है कि मैं स्वस्थ हूँ, सुरक्षित हूँ और केपेबल हूँ, परन्तु कोविड-19 ने बता दिया कि एक छोटे से वायरस के संक्रमण से पूरे विश्व के सतत और सुरक्षित स्वास्थ्य व्यवस्था को किस प्रकार प्रभावित कर दिया है इसलिये फेथ (धार्मिक) संगठनों, सरकार और और वैश्विक संगठनों को मिलकर सतत और सुरक्षित विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना होगा। वैश्विक स्तर पर स्वच्छता, स्वच्छ जल और मानव अधिकारों की रक्षा के लिये कार्य करना होगा। हमारे सतत विकास लक्ष्य में सभी वर्गो, रंगों, भाषा, लिंग और हमारे दिव्यांग भाई बहनों को विशेष स्थान प्रदान करना होगा तभी सतत और संतुलित विकास सम्भव हो सकता है।
यूएन रेज़िडेन्ट कोर्डिनेटर इन इन्डिया सुश्री रेनाटा लोक-डेसालियन ने कहा कि कोविड-19 के दौरान जल के साथ हाथ धोने की प्रक्रिया ने पूरे विश्व को एक बार फिर बता दिया कि जीवन में जल कितना जरूरी है। उन्होंने इस वेबिनार को आयोजित करने हेतु जीवा का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि हम सभी को मिलकर अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने हेतु जल को बचाने का प्रयास करना होगा। सुश्री रेनाटा ने जल संरक्षण के उपायों के साथ सामाजिक जिम्मेदारी के विषयों पर ही प्रकाश डाला।
सुश्री सू कोट्स, जल आपूर्ति और स्वच्छता सहयोग परिषद (डब्ल्यूएसएससीसी) की उप कार्यकारी निदेशक, ने डब्ल्यूएसएससीसी के द्वारा भारत सहित वैश्विक स्तर पर वाटॅर, सैनिटेशन और हाइजीन के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो के विषय में अवगत कराया तथा स्वच्छ जल की उपलब्धता के लिये भावी योजनाओं को भी साझा किया
श्री यू पी सिंह जी सचिव, जल शक्ति मंत्रालय, ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा देश में स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिये किये जा रहे कार्यो के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंनेेे बताया कि किस प्रकार सरकार ग्रे वाॅटर पर कार्य कर रही है तथा कोविड-19 के दौरान भी सरकार लाखों घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय का लक्ष्य सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना है।

इस वेबिनार का कुशल संचालन अपने प्रभावकारी शब्दों के साथ श्री विनोद मिश्रा जी, भारत समर्थन इकाई के प्रमुख (डब्ल्यूएसएससीसी) ने किया।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने तुलसी का पौधा माननीय श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी को भेंट किया।