Last Updated on August 24, 2020 by Swati Brijwasi
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने श्री अरूण जेटली जी को अर्पित की भावभीनी श्रद्धाजंलि
जेटली जी समाज और सरकार के मध्य सेतु थे -पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

ऋषिकेश, 24 अगस्त। भारतीय राजनीति के कुशल योद्धा, व्यवहारकुशल कद्दावर नेता श्री अरूण जेटली जी को परमार्थ परिवार ने आज उनकी पुण्यतिथि के पावन अवसर पर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि श्री जेटली जी सरकार और समाज के मध्य एक सेतु की तरह थे। उनका जीवन केवल परमार्थ ही नहीं बल्कि परमार्थिक कार्यो से भी जुड़ा रहा।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि दिवंगत जेटली जी शान्तिप्रिय कुशल व्यक्तित्व के धनी थे। वे जब तक रहे तब तक युवाओं को एक नयी ऊर्जा और नयी सोच देते रहे। उनका व्यवहार राजनीति से उपर रहकर सब के लिये एक समान था। वे सभी के प्रिय और मार्गदर्शक थे। जब तक रहे वे व्यवहार कुशलता के साथ सभी का मार्गदर्शन करते रहे। वे मिलते थे उनके चेहरे पर एक आत्मीयता का भाव होता था। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि जब कोई भी ऐसा शानदार जीवन जीता है तो उन्हें मौत भी नहीं मार सकती है। अरूण जी हमेशा उनके कार्यो और विचारों के कारण अमर रहेंगे। ’’क्या मार सकेगी मौत उसे औरों के लिये जो जीता है। उसका हर पल है रामायण, प्रत्येक कर्म ही गीता है।’’ क्या भरोसा है इस जिन्दगी का कुछ भी तो नहीं। इसलिये जब भी मिले जिससे मिलें, दिल खोल के मिलें। न जाने किस गली में जिन्दगी की शाम हो जाये।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि दिवंगत श्री अरूण जी ने भारत के वित्त मंत्री के रूप में देश की सेवा की और नोट बंदी जैसा कठोर फैसला उनके नेतृत्व में ही लिया गया जो कि एक ऐतिहासिक फैसला था। अरूण जी एक अधिवक्ता थे साथ ही प्रखर एवं कुशल वक्ता थे और देश के हित में निर्णय लेने वाले एक सेवाभावी राजनेता थे उनकी देश सेवा को नमन।
परमार्थ निकेतन में परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य में सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुये दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत अरूण जेटली जी की पुण्यतिथि के अवसर पर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित कीI