Last Updated on July 9, 2020 by Swati Brijwasi
Gangster Vikas Dubey: कानपुर में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार, थाने में चिल्लाकर बोला-

सिक्युरिटी गार्डों ने दिखाई सतर्कता दो घंटे नजर रखने के बाद निर्गम द्वार से पकड़कर चौकी पर दी सूचना…
मैं सरेंडर करने ही आया था, मुझे अपना पक्ष रखने का मौका दो…
अक्षर विश्व की टीम जब महाकाल मंदिर पर पहुंची तो विकास दुबे कह रहा था कि मैं महाकाल दर्शन करने के बाद पुलिस के सामने सरेंडर करने ही आया था। विकास ने कहा कि मैं शिवपुरी से कार द्वारा दो दोस्तों के साथ आया था।
Gangster Vikas Dubey: उज्जैन। उत्तरप्रदेश पुलिस का मोस्ट वांटेड 5 लाख के ईनामी फरार गैंगस्टर विकास दुबे को महाकाल मंदिर में दर्शन के बाद सिक्युरिटी गार्डों की सतर्कता से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।सूचना मिलने के मात्र 10 मिनिट बाद स्वयं एसपी महाकाल थाने पहुंचे और विकास दुबे को थाने के बोलेरो वाहन में बैठाकर ले गये। जबकि विकास दुबे पर लगातार नजर रखने वाले और उसे निर्गम द्वार से पकड़कर महाकाल पुलिस चौकी तक लाने वाले सिक्युरिटी कंपनी के चार सुरक्षाकर्मी महाकाल थाने से नदारद हो गए।
महाकाल मंदिर में सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रायवेट एजेंसी के हाथ में है। इसी कंपनी के रोड शो सिक्युरिटी गार्ड मंदिर के चारों ओर घूमकर संदिग्ध लोगों पर नजर रखते हैं। सुबह करीब पौने आठ बजे विकास दुबे जैसा दिखने वाला व्यक्ति 251 रुपये शीघ्र दर्शन रसीद कटवाकर मंदिर में दर्शनों को पहुंचा। इन्हीं सिक्युरिटी गार्ड जिनमें धर्मेन्द्र, रवि, विजय व एक अन्य शामिल थे उन्हें संदिग्ध दिखने वाले विकास दुबे पर पर शंका हुई और तो पीछा किया। विकास दुबे ने कतार में लगकर भगवान के दर्शन किये और निर्गम द्वार की तरफ आया तब तक सिक्युरिटी गार्ड उसका पीछा करते रहे और अपने मोबाइल पर पिछले दिनों जारी हुए विकास दुबे के वीडियो देखकर मैच किया। गार्डों ने बताया कि फोटो वीडियो मैच होने पर उसे निर्गम द्वार पर रोककर पूछताछ की गई। इस दौरान विकास ने अपना दूसरा नाम बताया, उम्र 28 वर्ष बताई।
गार्डों के अनुसार आईडी भी दूसरी दिखाई। विकास ने अपने बाल छोटे कराने के साथ काला रंग भी करा लिया था बावजूद इसके फोटो मैच हो रहा था। यही कारण रहा कि उसे निर्गम द्वार से वापस मंदिर परिसर की ओर लाया गया तब तक महाकाल पुलिस चौकी पर सूचना दे दी गई थी। चौकी पर तैनात उपनिरीक्षक और एक आरक्षक भी निर्गम द्वार की तरफ आ गये। इस समय तक विकास दुबे रोड़ शो सिक्यूरिटी गार्डों की गिरफ्त में रहा। यहां से विकास दुबे को महाकाल मंदिर चौकी लाया गया और यहीं से महाकाल थाने पर सूचना दी कि थाना प्रभारी को चौकी पर भेजो, लेकिन थाना प्रभारी अरविंद तोमर प्रात: गश्त कर घर लौट चुके थे इस कारण थाने से कोई भी पुलिस अधिकारी चौकी तक नहीं पहुंचा, जबकि विकास दुबे स्वयं को बचाने और यहां से भागने की फिराक में था इस कारण चौकी पर तैनात उपनिरीक्षक, एक पुलिसकर्मी और सिक्युरिटी गार्ड उसे पकड़कर चौकी से महाकाल थाने की ओर पकड़कर लाये।
हालांकि इसकी सूचना एसपी मनोज कुमार सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को भी दी जा चुकी थी। मंदिर चौकी से थाने के बाहर लाने के बाद विकास दुबे को पुलिस के बोलेरो वाहन में बैठाने की कोशिश की गई लेकिन वह बोलेरो में बैठने को तैयार नहीं हुआ और स्वयं को छुड़ाने की कोशिश करने के साथ छटपटाने लगा तो पुलिसकर्मियों ने उसकी पिटाई भी की, लेकिन काफी मशक्कत के बाद जब विकास पुलिस काबू में आता नहीं दिखा तो उसे महाकाल थाने के विवेचक कक्ष में बैठाया गया।
कार से शिवपुरी तक आया और फिर दूसरी कार से उज्जैन पहुंचा
विकास दुबे उत्तरप्रदेश से अपने दो अन्य दोस्तों के साथ कार द्वारा शिवपुरी तक आया। यहां उसने कार बदली और फिर उज्जैन के लिये रवाना हुआ। अल सुबह विकास उज्जैन पहुंचा और महाकाल दर्शन के लिये गया। शीघ्र महाकाल दर्शन के लिये उसने 251 रुपये की रसीद भी कटवाई। रसीद पर उसने अपना वास्तविक नाम विकास दुबे ही लिखवाया। हालांकि विकास के साथ आये दो अन्य दोस्त कहां गये इसकी जानकारी उसे भी नहीं।
10 मिनिट में एसपी आ गये
महाकाल मंदिर के सिक्युरिटी गार्डों को विकास दुबे पर पहले शंका होना, उसके विकास दुबे होने की पुष्टि और उसके बाद मंदिर चौकी से महाकाल थाने लाने में 30 मिनिट से अधिक समय लगा। विकास दुबे की पुष्टि होने तक चौकी के पुलिसकर्मी महाकाल थाना प्रभारी को बुलाते रहे लेकिन वह नहीं आये जबकि विकास दुबे के चौकी से महाकाल थाने पहुंचने में 10 मिनिट के अंतराल में एसपी मनोज कुमार सिंह मात्र 10 मिनिट में थाने पहुंच गये। उन्होंने कमान अपने हाथों में संभाली और विकास को महाकाल थाने के बोलेरो वाहन में बैठाया। विकास के आसपास होमगार्ड अधिकारी और महाकाल मंदिर सुरक्षा प्रभारी रूबी यादव सहित अन्य जवान भी बोलेरो वाहन में बैठे जिसके बाद एसपी स्वयं बोलेरो वाहन के आगे की सीट पर बैठकर विकास को कंट्रोल रूम ले गये।