Last Updated on June 30, 2020 by Swati Brijwasi

- बाणगंगा पुल पर रैलिंग कार्य,गृह रक्षा व नागरिक सुरक्षा राज्यमंत्री की सराहना
- -मुख्यमंत्री व राज्यमंत्री को लुपिन के ई.डी.सीताराम गुप्ता ने लिखा था पत्र
- -हत्यारा पुल से मिली आमजन को राहत
- 40 वर्ष मे ले चुका था 51 की जान
हलैना-(भरतपुर) उपखण्ड क्षेत्र से गुजर रहे धौलपुर-नगर वाया भुसावर मेधा हाइवे-45 पर गांव हिंगोटा के पास बाणगंगा नदी पर पुल की रैलिंग का कार्य पूरा होने से प्रशासन व आमजन सहित वाहन चालक-मालिक आदि ने राहत की सांस ली और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व लुपिन के अधिशासी निदेशक सीताराम गुप्ता की सराहना की।
राजस्थान राज्य सडक परिवहन निगम के सहायक अभियन्ता लक्ष्मणसिंह गुर्जर ने बताया कि जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे-21 से पथैना की ओर जा रहे धौलपुर-नगर मेघा हाइवे-45 को बाणगंगा नदी क्रास करती है,जिस पर पुल बना हुआ है,जो पुराना है,पुल किनारे रैलिंग नही लगी हुई थी,पुल के जीर्णोद्वार एवं रैंिलंग कार्य का सरकार ने स्वीकृति दी,जिसको निगम लगभग 16 लाख वजट स्वीकृत किया। उन्होने बताया कि पुल की रैंलिग का कोविड-19 महामारी एवं लाॅकडाउन से प्रभावित हुआ,अब पुल की दोनों ओर रैंिलग लग गई,जिसका कार्य पूरा हो गया,अब वाहन चालक व आमजन को दुद्र्यटनाओं से राहत मिली है।
लुपिन के अधिशासी निदेशक सीताराम गुप्ता ने बताया कि खेरलीमोड से पथैना के मध्य बाणगंगा नदी के पुल के दोनो ओर रैंिलग नही लगी हुई थी,जिसके कारण आए दिन हादसा होते और पुल से वाहन नदी में गिर पडते। वाहन चालक एवं क्षेत्र के लोगों ने पुल की हालत से अवगत कराया,जिनकी दर्द भरी बात सुन कर दुःख हुआ। पुल के जीर्णोद्वार एव रैंिलंग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एव गृह रक्षा व नागरिक सुरक्षा राज्यमंत्री भजनलाल जाटव को पत्र लिखा गया और मुलाकात होने पर पुल की हालत एवं आए दिन हो रहे हादसा से अवगत कराया,मुख्यमंत्री गहलोत एवं राज्यमंत्री जाटव ने पुल का काम 2020 में करा देने का आश्वासन दिया,जो पूरा हो गया।
गांव पथैना निवासी सतेन्द्रसिंह एवं कस्वा भुसावर के पूर्व पालिकाध्यक्ष देशराज पहाडिया ने बताया कि पथैना मार्ग के बाणगंगा नदी पुल वर्ष 1980 में बना,जिस पुल की 40 वर्ष से रैंलिग नही बनी और रैंिलग के अभाव में 1980 से आज 200 से अधिक हादसा हुए,जिसमें 51 जनों की जान गई तथा 250 से अधिक लोग घायल हुए। उक्त समस्या को लेकर कई बार मिडिया ने आए दिन हुए हादसा के समाचार प्रकाशित होने लगे। पूर्व सासंद रामस्वरूप कोली,जिला परिषद सदस्य आशा सतेन्द्र पथैना एवं नगर पालिका खेरलीगंज के पार्षद संजय गीजगडियां ने बताया कि धौलपुर मेघा हाइवे-45 को क्रास कर रही बाणगंगा नदी के पुल पर रैलिंग का अभाव था,आए दिन हादसा होते थे,रैलिंग को लेकर वर्ष 2017-18 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बसुन्धरा राजे एवं राजस्थान राज्य सडक परिवहन निगम के मुख्य प्रबन्धक से मिले,जिन्होनेे रैंिलंग का प्रस्ताव तैयार कर वाया,वजट मिला,जिसका श्रेय मिडिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री राजे को मिलना चाहिए।
गृह रक्षा राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने बताया कि धौलपुर मेघा हाइवे-45 के बाणगंगा नदी पुल किनारे रैंिलग का अभाव था,जिससे आए दिन हादसा होते,जिसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मिले,जिन्होने 16 लाख का वजट स्वीकृत कराया और पुल पर रैंिलग का कार्य पूरा हो गया। गांव छौंकरवाडा कलां के पूर्व नेमीसिंह ने बताया कि पुल वर्ष 1980 में बना,पुल किनारे रैलिंग नही बनी,जिससे हादसा हुए, 40 वर्ष बाद पुल कीद रैलिंग बन रही है,ये पुल 40 वर्ष में करीब 51 जनों की जान ले चुका है और 250 से अधिक लोग घायल हो कर अपंग हो गए। कास रैंिलग वर्ष 1980 में लग जाती तो लोगों की जान बच जाती। क्षेत्र के लोग उक्त पुल को हत्यारा पुल के नाम से जानते है।