Last Updated on June 5, 2020 by Swati Brijwasi
भरतपुर जिलें में ज्वार-बाजरा की बुवाई शुरू,बीज विक्रेता-किसान खुश

हलैना-(भरतपुर) उपखण्ड क्षेत्र में भले ही मानसून की बरसात नही हुई,जून के प्रथम सप्ताह में बीस वर्ष के बाद बेमौसम की बरसात होने से किसान तथा खाद-बीज विक्रेताओं के चेहरे पर चमक झलक आई,अन्नदाता ने खरीफ की ज्वार-बाजरा फसल की बुवाई शुरू कर दी,खाद-बीज विक्रेताओं की दुकान पर किसान उमडने लगे है,जो उन्नत किस्म बीज खरीद के साथ-साथ टेक्टर मालिक-चालक से खेत की जुताई-बुवाई को सम्पर्क कर फसल बुवाई कराने में व्यस्त नजर आने लगे है।
कस्वा भुसावर,वैर,पथैना,छौंकरवाडा कलां,मैनापुरा,वल्लमगढ, हलैना,समराया,निठार,गोविन्दपुरा आदि स्थान पर किसानों ने ज्वार-बाजरा,ग्वार आदि की बुवाई शुरू कर दी,करीब 30से 50 प्रतिशत भूमि पर बुवाई हो गई,जिसमें बाजरा की बुवाई अधिक है। कस्वा भुसावर निवासी प्रकाशचन्द जाटव व चिरमोलीराम ने बताया कि भुसावर उपखण्ड क्षेत्र में बेमौसम की बरसात हो गई है,बरसात को देख किसानों ने ज्वार-बाजरा एवं ग्वार आदि की फसल बुवाई शुरू कर दी,20 साल के बाद जून के प्रथम सप्ताह में बरसात हुई,जो किसान के लिए लाभकारी सावित होगी।
भुसावर-वैर उपखण्ड के थोक बीज विक्रेता एवं कस्वा हलैना निवासी महेशचन्द गर्ग ने बताया कि बरसात होने से किसानों ने खरीफ फसल की बुवाई प्रारम्भ कर दी,कई साल के बाद बाजरा का बीज अधिक बिक रहा है। सर्वाधिक किसान बाजरा की उन्न्त किस्म 9001 खरीद रहे है,भुसावर-वैर में प्रोयग्रो-9001 बाजरा बुवाई हो रही है। प्रोयग्रो बीज कम्पनी के अधिकारी यतेन्द्रप्रताप सिंह ने बताया कि भरतपुर,धौलपुर,करौली,दौसा,अलवर आदि जिला के किसानों ने गत वर्ष की तुलना में पांच गुना बाजरा-9001 की बुवाई की है। जो कम भूमि व कम-अधिक बरसात में अधिक पैदावार होती है,स्वाद,रंग,बाजार भाव आदि में सर्वश्रेष्ठ सावित होगा।
कंचन ज्योति सीडस कम्पनी के निदेशक अशोक गुप्ता ने बताया कि कंचन ज्योति बाजरा की आधा दर्जन उन्नत किस्म है,जो अधिक पैदावर,बाजार भाव एवं स्वाद आदि से किसानों में पहचान कायम किए हुए है। कृषि विभाग के अधिकारी गोपालसिंह ने बताया कि खरीफ फसल की बुवाई का समय अभी नही आया है,मानसून की बरसात होने के बाद ही फसल की बुवाई करे,भुसावर-वैर क्षेत्र में बेमौसम की बरसात हो गई,कई स्थानों पर ज्वार-बाजरा आदि की बुवाई शुरू हो गई। उन्होने किसानों से कहा कि बीज विक्रेता से बीज खरीदने की रसीद अवश्य प्राप्त करे और कृषि विभाग की सलाह लेकर बुवाई करे।