Last Updated on May 3, 2020 by Swati Brijwasi
Bharatpur News: एक महीने बाद एक-दूसरे से मिले कोरोना वाॅरियर डाॅक्टर्स बोले, भरतपुर को कोरोना मुक्त बनाकर ही दम लेंगे

भरतपुर, 03 मई। एक ही बिल्डिंग में 14 घंटे तक रोजाना मरीजों का इलाज, फिर भी एक महीने से एक-दूसरे से मिले तक नहीं। ये हैं हमारे जिला आरबीएम अस्पताल के कोरोना वाॅरियर्स जिनकी अथक मेहनत एवं लगन से आज भरतपुर जिले के 80 कोविड-19 संक्रमित निरोगी होकर सकुशल डिस्चार्ज हो चुके हैं और क्वारेंटाइन सेंटर में बहुत शीघ्र अपने घर जाने का इंतजार कर रहे हैं।
रविवार सुबह पूरे एक महीने बाद कोरोना वाॅरियर्स चिकित्सकों की यह टीम जब एक साथ मिली तो हर डाॅक्टर के मुंह पर एक ही बात थी- भरतपुर को कोरोना मुक्त बनाकर ही दम लेंगे।
जिला आरबीएम अस्पताल में कोविड-19 जोन की समस्त जिम्मेदारी संभाल रहे हैं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डाॅ. नवदीप सैनी, अतिरिक्त अस्पताल अधीक्षक डाॅ. मुकेश गुप्ता एवं नोडल अधिकारी डाॅ. सुनील एरन। कोरोना पाॅजिटिव वार्ड में मरीजों के उपचार व देखरेख की जिम्मेदारी दो टीमें सम्भाल रही हैं । इनमें से एक टीम के प्रभारी डाॅ. विवेक भारद्वाज बताते हैं कि मार्च के तीसरे सप्ताह में कोरोना संदिग्ध मिलते ही उन्हें आइसोलेशन में रखकर उनके सैम्पल भेजने और उनकी देखरेख शुरू की। गत 13 अप्रैल से आरबीएम अस्पताल में ही कोविड-19 मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज शुरू किया। तब से बस एक ही लक्ष्य रखकर काम कर रहे हैं कि एक-एक मरीज को स्वस्थ कर उसके घर भेजना है।
कोरोना पाॅजिटिव वार्ड के चिकित्सकों की दूसरी टीम में शामिल डाॅ. गजेन्द्र सिंह ने बताया कि कोरोना पाॅजिटिव वार्ड में 4-4 चिकित्सकों की दो टीमें अलग-अलग पारियों में 24×7 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रही है और उन पर सतत निगरानी रखे हुए है । पहली टीम में डाॅ. विवेक भारद्वाज, डाॅ. दीपक सिंह, डाॅ. राजेश यादव एवं डाॅ. विनीत गुप्ता हैं जबकि दूसरी टीम में डाॅ. गजेन्द्र सिंह, डाॅ. मनीष गुप्ता, डाॅ. सुरेश पाल और डाॅ. प्रभुत्व गोयल शामिल हैं। डाॅ. कैलाश शर्मा ,डाॅ. शैलेष तावले एवं डाॅ. प्रीति भी कोरोना संदिग्ध मरीजों की जाॅच सहित अन्य गतिविधियों में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
अस्पताल में 4 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के वार्ड बनाये गये हैं और दो वार्ड संदिग्ध मरीजों को आईसोलेशन में रखने के लिये बने हैं। उन्होंने बताया कि टीम के प्रयासों का ही परिणाम है कि अब तक 80 मरीज ठीक होकर आरबीएम हाॅस्पीटल से डिस्चार्ज हो चुके हैं, जो हमारे लिए संतोष की बात है।
पूरे जिले स्क्रीनिंग, आईएलआई लक्षण वाले एवं संदिग्ध रोगियों की पहचान, संक्रमित की पुष्टि होते ही आरआरटी टीमों को भिजवाने और समन्वय की पूरी जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. कप्तान सिंह संभाल रहे हैं।
अतिरिक्त अस्पताल अधीक्षक डाॅ. मुकेश गुप्ता ने कहा कि मेेडिकल काॅलेज और आरबीएम अस्पताल के चिकित्सक कंधे से कंधा मिलाकर भरतपुर जिले को कोविड-19 संक्रमण के विरूद्ध इस लड़ाई में काम कर रहे हैं और जिले को कोरोना मुक्त बनाकर ही रहेंगे।
डिप्टी सीएमएचओ डाॅ. लक्ष्मण सिंह के निर्देशन में 6 आरआरटी टीमों की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। आरआरटी टीम के डाॅ. हरीश शर्मा ने बताया कि पहला केस पाॅजिटिव आने सेे लेकर अब तक जैसे ही नये कोरोना पाॅजिटिव मिलने की सूचना आती है, वैसे ही हम काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग सहित सभी गतिविधियां शुरू कर संदिग्धों की पहचान में जुट जाते हैं।