Last Updated on March 16, 2020 by Swati Brijwasi
Bharatpur news Hindi: अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि प्रभावित किसानो को मुआवजा के लिए गाइडलाइन जारी|

Bharatpur news Hindi: भरतपुर, 16 मार्च। जिले में हाल में हुई अतिवृष्टि एवं ओला वृष्टि से प्रभावित काश्तकारों को राज्य सरकार की आपदा प्रबन्धन के नियमों के तहत कृषि आदान अनुदान राशि का वितरण किया जायेगा।
जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने इस संबंध में जानकारी देते हुये बताया है कि राज्य सरकार द्वारा अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से प्रभावित काश्तकारों को सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है जिसके तहत जिन लघु सीमान्त एवं अन्य कृषकों की 33 प्रतिशत या इससे अधिक फसल क्षति (बोये हुए क्षेत्र का) हुई है, उसको निम्न अनुसार कृषि आदान अनुदान दिया जावेगा जो जोत सीमा तक एस.डी.आर.एफ. के नोम्र्स अनुसार अधिकतम दो हैक्टेयर तक देय होगा।
फसल प्रति हैक्टेयर सहायता राशि का प्रावधान
उन्होंने बताया कि असिंचित क्षेत्र हेतु 6800 रू0 प्रति हैक्टेयर और सिंचित क्षेत्र हेतु बिजली के कुंओं व नहर से सिंचित क्षेत्र हेतु 13500 रू0 प्रति हैक्टेयर एवं बारहमासी फसलों हेतु 18000 रू0 प्रति हैक्टेयर सहायता राशि का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि उन कृषकों को भी सहायता दी जा सकती है जिनका नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है किन्तु जिन्होंने भूमि पर ठेकेदारी/बांटेदारी से फसल की है। ऐसे किसान जिन्होंने खेती ठेके पर की है, वह बोई गई भूमि के खातेदार से 5 रू0 के स्टाम्प पेपर पर सहमति प्राप्त कर तहसील स्तर पर गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इस प्रकार की समस्या के निर्णय हेतु संबंधित तहसीलदार, ग्राम पटवारी एवं ग्रामसेवक की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
सहायता दिये जाने के लिये उसे काश्तकार माना जावेगा जिसका नाम जमाबन्दी में खातेदार/सहखातेदार के रूप में दर्ज होगा। सहखातेदार के हिस्से में आने वाले नोशनल हिस्से की गणना कर उसकी जोत का आकार निकाला जावेगा। इसमें सभी काश्तकार के एक अथवा अधिक गांवों में विद्यमान सभी खातों को ध्यान में रखा जावेगा। खातेदार जिले से बाहर का निवासी होने के संबंध में- यदि जिले में स्थित किसी कृषि भूमि की बुवाई की गई है तो उसमें प्रभावित कृषक को फसल खराबे पर अनुदान दिये जाने के लिये उस कृषक का उसी जिले का निवासी होना जरूरी नहीं है।
परन्तु कृषक सह यह शपथपत्र लेना जरूरी है कि अन्य जिलों में उसकी कोई कृषि भूमि नहीं है। किन्तु अन्य जिले में कृषि भूमि होने की स्थिति में उसके आधार पर गणनाकर, पात्र होने पर ही जिले में स्थित खराबा क्षेत्र के आधार पर अनुदान दिया जावेगा। गैर खातेदार के संबंध में-गैर खातेदार को भी खातेदार के समान ही अनुदान हेतु पात्र माना जावेगा। मृतक खातेदार-मृतक खातेदारों की भुगतान योग्य राशि का भुगतान उनके वैध उत्तराधिकारियों को किया जासकता है। परन्तु यह राशि मृतक खातेदार के हिस्से के अनुरूप निर्धारित अनुदान के बराबर ही होगी।
उन्होंने बताया कि विवादित भूमि के संबंध में-कृषि आदान अनुदान राशि, आपदा से प्रभावितों को बोई गई फसल में 33 प्रतिशत से अधिक खराबे के कारण तात्कालिक सहायता के रूप में दी जाती है। इस अनुदान राशि दिये जाने में भूमि संबंधित विवाद में संबंधित पक्षकारों के विधिक अधिकारों पर विपरीत प्रभावन हीं होगा व मालिकानाहक का निर्धारण माननीय न्यायालय के निर्णय के अध्यधीन होगा।
इसी प्रकार मन्दिरमाफी भूमि-कृषि आदान अनुदान सहायता रिकाॅर्डेड खातेदार के बैंक खाते में आॅनलाईन ही जमा करवाई जावेगी। यदि कोई ट्रस्ट बना हुआ है तो उसके खाते में कृषि आदान अनुदान राशि आॅनलाईन जमा करवाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि यदि सरकारी सेवा में कार्यरत-व्यक्ति का नाम जमाबन्दी में खातेदारी/सहखातेदारी के मानदण्डानुसार दो हैक्टेयर तक जोत रखता है तो नियमानुसार कृषि आदान अनुदान का भुगतान किया जावेगा। काश्तकार की अन्य व्यवसाय से आय को अपात्रता का आधार नहीं बनाया जावेगा।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रभावित काश्तकारों को त्वरित लाभ दिये जाने की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा पूरे जिले में बीमा कम्पनी के साथ मिलकर पटवारी/गिरदावर द्वारा सर्वे पूरा करा दिया गया है। आॅफलाईन व आॅनलाईन लगभग 47000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। बीमित किसानों को मुआवजा जल्दी ही कम्पनी द्वारा भुगतान कर दिया जायेगा साथ ही राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसरण में विशेष गिरदावरी का कार्य जारी है जो 18 मार्च तक पूरा कर दिया जायेगा तत्पश्चात् राज्य सरकार द्वारा खराबे की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा प्रभावित किसानों के खाते में भुगतान कर दिया जायेगा।