Last Updated on September 3, 2020 by Shiv Nath Hari
क्षमा वीर का आभूषण है,अपने से बड़ों के चरण स्पर्श कर लोगों ने मांगी गलतियों के लिए क्षमा

डीग – 3 सितंबर क्षमा वीर का आभूषण है क्षमा मांगने बाले से बड़ा क्षमा करने वाला होता है हर मनुष्य के भीतर क्षमा भाव का होना बहुत आवश्यक है जिसमें क्षमा है वही मानवता को प्राप्त कर सकता है अपने दुश्मन पर ताकत से विजय प्राप्त करने पर हारे हुए व्यक्ति के मन में बदला लेने की भावना जीवित रहती है जबकि दुश्मन को क्षमा करने पर दोनों की ही मन का मैल सदा के लिए समाप्त हो जाता है यह बात गुरुवार को क्षमा वाणी दिवस पर जैन समाज के लोगों को संबोधित करते हुए जैन धर्मावलंबी सुरेश जैन ने कही।
दस लक्षण महापर्व की अंतिम बेला में जैन समाज द्वारा क्षमा बाणी पर्व श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया गया इस अवसर पर कस्बे के तीनों दिगंबर जैन मंदिरों में प्रातः सामूहिक विशेष पूजा शांति धारा के साथ साय जिन भगवानों के इद्रों द्वारा कलसाभिषेक किए गए। उसके बाद सामूहिक आरती कर सभी उपस्थित पुरुष एवं महिलाओं द्वारा अपने से सभी बड़ों के चरण स्पर्श कर वर्ष भर में जाने अनजाने में मन वचन और कर्म से हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना की।
इस अवसर पर सुरेश जैन कोका राम जैन भीक चंद जैन निम्मी जैन राजेंद्र जैन लक्ष्मण जैन पदम जैन गौरव जैन विनोद जैन गोपाल जैन अनिल जैन अजय जैन नीरज जैन सुमेर जैन रमेश जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित थे।