Last Updated on March 31, 2020 by Shiv Nath Hari
- सरकार ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर मनरेगा मजदूरी में औसतन 20 रुपये की वृद्धि की
- ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को मनरेगा मजदूरी एवं सामग्री बकाये मद में इस सप्ताह जारी किए 4,431 करोड़ रुपये

नई दिल्ली ( 31 मार्च ) भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर राज्य सरकारों के साथ करीबी सहयोग में कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों की मजदूरी को 1 अप्रैल, 2020 से संशोधित करने का निर्णय लिया है। मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की औसत राष्ट्रीय वृद्धि की गई है। मनरेगा के तहत मुख्य तौर पर व्यक्तिगत लाभार्थी-उन्मुख कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिससे सीधे तौर पर एससी, एसटी और घरेलू महिलाओं के अलावा लघु एवं सीमांत किसान तथा अन्य गरीब परिवार लाभान्वित होते हैं।
हालांकि यह सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ-साथ जिला अधिकारियों के भी करीबी परामर्श एवं मार्गदर्शन आवश्यक होगा कि लॉकडाउन की अवधि में दिशानिर्देशों का उल्लंघन न होने पाए और सामाजिक दूरी के मानदंडों का गंभीरतापूर्वक पालन किया जाए।
मजदूरी और सामग्री बकाये का निपटान ग्रामीण विकास मंत्रालय की पहली प्राथमिकता है। इसी क्रम में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस सप्ताह 4,431 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं ताकि चालू वित्त वर्ष की इन देनदारियों को पूरा किया जा सके। वर्ष 2020-21 के लिए पहली किश्त 15 अप्रैल, 2020 से पहले जारी की जाएगी। आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार को 721 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
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